27 जुलाई 2024 को प्रसारित हुआ “अनुपमा” का यह एपिसोड बेहद खास था। आज अनुपमा की ज़िंदगी में एक नया मोड़ आने वाला है। सुबह का समय है। अनुपमा रसोई में चाय बना रही है। समर और पाखी नाश्ता कर रहे हैं। समर की शादी की तैयारियाँ चल रही हैं। घर में हंसी-खुशी का माहौल है। लेकिन अनुपमा के चेहरे पर चिंता की लकीरें हैं।
अनुपमा सोच में डूबी है। वह अपने पुराने दिनों को याद कर रही है। वनराज के साथ बिताए हुए पल उसकी आँखों के सामने घूम रहे हैं। तभी अनुज का फोन आता है। अनुज कहता है, “अनुपमा, आज तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है। शाम को मिल सकते हैं?” अनुपमा हाँ कह देती है।
इधर, काव्या अपने कमरे में बैठी है। उसे वनराज की याद आ रही है। वह सोचती है, “क्यों न मैं वनराज से माफी मांग लूँ?” वह अपने मन की बातें एक डायरी में लिख रही है।
दोपहर का समय हो गया है। अनुज और अनुपमा पार्क में मिलते हैं। अनुज गंभीर चेहरा बनाए हुए है। अनुज कहता है, “अनुपमा, मुझे तुम्हारी मदद चाहिए। मेरी कंपनी में कुछ समस्या आ गई है। तुम्हारे अनुभव और समझ की जरूरत है।” अनुपमा थोड़ी देर सोचती है और फिर कहती है, “मैं तुम्हारी मदद करने को तैयार हूँ।” अनुज के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। वह कहता है, “शुक्रिया अनुपमा, तुम्हारी मदद से सब ठीक हो जाएगा।”
शाम को अनुपमा घर लौटती है। वह घर की सफाई में लग जाती है। तभी समर आता है और कहता है, “माँ, तुम्हें थोड़ी देर आराम करना चाहिए।” अनुपमा हंसते हुए कहती है, “अरे बेटा, आराम तो बाद में भी कर लूँगी। अभी काम है।” समर भी उसकी मदद करने लगता है।
रात का समय हो गया है। सब लोग खाना खा रहे हैं। तभी काव्या आती है। उसके हाथ में एक थैला है। वह कहती है, “अनुपमा, यह तुम्हारे लिए है।” अनुपमा आश्चर्य से देखती है। काव्या कहती है, “यह तुम्हारी पसंद की साड़ी है। मैंने सोचा तुम्हें गिफ्ट कर दूँ।” अनुपमा कहती है, “धन्यवाद काव्या, तुम्हारे इस उपहार ने मुझे बहुत खुश कर दिया।”
इसके बाद, अनुपमा अपने कमरे में जाती है। वह साड़ी को देख रही है। उसकी आँखों में आँसू हैं। वह सोचती है, “कभी सोचा नहीं था कि काव्या ऐसा करेगी।” वह अपनी माँ को फोन करती है और कहती है, “माँ, आज काव्या ने मुझे गिफ्ट दिया। मैं बहुत खुश हूँ।” उसकी माँ भी खुश हो जाती है और कहती है, “बेटी, यह तुम्हारी अच्छाई का फल है।”
अगले दिन की शुरुआत होती है। अनुपमा अनुज के ऑफिस जाती है। वहाँ वह सारी स्थिति समझती है और अनुज को सलाह देती है। अनुज उसकी सलाह मान लेता है। दोनों मिलकर काम करते हैं।
इधर, घर में पाखी और समर की बहस हो जाती है। पाखी कहती है, “भैया, तुम हमेशा मुझे डांटते रहते हो।” समर कहता है, “नहीं पाखी, मैं तुम्हारी भलाई के लिए ही कहता हूँ।” तभी अनुपमा घर लौटती है। वह दोनों को समझाती है और कहती है, “तुम दोनों भाई-बहन हो। एक-दूसरे का ख्याल रखो।”
रात को अनुपमा थककर सो जाती है। उसके सपनों में उसकी माँ आती है और कहती है, “अनुपमा, तुम्हारी मेहनत एक दिन रंग लाएगी।” अनुपमा मुस्कुराते हुए जागती है। वह सोचती है, “माँ सही कह रही हैं। मुझे हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।”
इस तरह, 27 जुलाई 2024 का यह एपिसोड कई उतार-चढ़ाव से भरा रहा। अनुपमा की ज़िंदगी में नया मोड़ आया है। अब देखना यह है कि वह आगे कैसे अपनी समस्याओं का समाधान करती है।
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